दूसरे, इन देशों में सकारात्मक विभेदन सिर्फ सरकारी क्षेत्र में नहीं बल्कि निजी क्षेत्र में भी अनिवार्य है.
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अब एक दूसरी जगह से भी देखें तो आरक्षण के अंतहीन होने से परेशान लोगों को विक्सित देशों में सकारात्मक विभेदन नाम से जाने जानी वाले आरक्षण का अब तक चलते आना देखना चाहि ए.